सिकंद्राबाद। ।भारत पुष्प/पवन शर्मा। सनातन धर्म के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की देवउठान एकादशी को तुलसी महारानी की शालीग्राम महाराज से शादी कराना बहुत ही पुण्य माना जाता है इसलिए अक्सर जनमानस देवउठान एकादशी को शालीग्राम जी महाराज की शादी तुलसी महारानी से कराते है। उसी क्रम में नगर के प्राचीन मंदिर श्री शिवालय हरदयाल कायस्थबाड़ा पर तुलसी विवाह बड़े धूमधाम व हर्षोल्लास के साथ मनायी गया। तुलसी महारानी के विवाह का शुभारंभ शालीग्राम महाराज की घुड़चड़ी बड़ा दरवाजा उनके आवास से करा कर किया गया और उसके बाद बारात चढ़ाकर तुलसी महारानी की ड्योढी यानी आवास पर मंदिर श्री शिवालय हरदयाल कायस्थबाड़ा पर जाकर विधीविधान से जयमाला कराकर  फेरे डलवाकर टीकाकरण कर तुलसी महारानी को विदा कर धर्म लाभ उठाया।

इस विवाह में नगर वासियों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया और तुलसी महारानी का कन्यादान कर धर्म लाभ उठाया उधर तुलसी महारानी के परिजनों ने बारातीयों को जलपान कराकर विदा किया। तुलसी विवाह में बेटे यानी शालीग्राम के माता-पिता का किरदार अलका शर्मा पत्नी गुड़ु ने निभाया व बेटी तुलसी के माता-पिता का फर्ज गीता शर्मा पत्नी सोनू भटपुरा वालो ने निभाया।

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