खुर्जा ।भारत पुष्प। सतनामी कन्या विद्यापीठ रुकनपुर की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के तत्वाधान में कार्यक्रम अधिकारी डॉ जय किशोर शर्मा के नेतृत्व में चतुर्थ एकदिवसीय सामान्य शिविर का आयोजन चयनित ग्राम अरनियां खुर्द में किया गया। सर्वप्रथम स्वयंसेविकाओं ने ग्राम अरनिया-खुर्द में कुपोषण से बचाव हेतु “कुपोषण छोड़ो”रैली निकाली। रैली में स्वयंसेविकाओं ने: कुपोषण को दूर भगाओ,जरूरतमंद को भोजन पहुंचाओ/ हम सब मिलकर ध्यान दें,भूखे को भोजन दान दें/भोजन का व्यर्थ न करें नुकसान,कुपोषणग्रस्त की है खतरे में जान / बच्चों का मुख्यत: रखें ध्यान,पौष्टिक भोजन दें न बने अनजान जैसे नारों से ग्रामवासियों को कुपोषण के बचाव के लिये जागरूक किया। रैली में गांव के बच्चे व महिलाएं भी शामिल हुई। रैली के बाद शिविर में कुपोषण के लक्षण,कारण व उपचार पर एक विचारगोष्ठी आयोजित की गयी। बीए प्रथम वर्ष की छात्रा निधि ने बताया कि वजन कम या अधिक होना,शारीरिक व मानसिक वृद्धि में कमी,त्वचा में परिवर्तन,बालों का रूखा व सफेद होना,रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी,दृष्टि-दोष उत्पन्न होना,पाचन-शक्ति कमजोर होना आदि कुपोषण के लक्षण हैं। गरीबी,खाद्य उत्पादन में कमी,अस्वच्छ वातावरण,अशिक्षा,आहार व पोषण के विषय में अनभिज्ञता,बड़े परिवार,सामाजिक कुरुतियाँ व अन्ध-विश्वास,शुद्ध पेय जल का अभाव,बाल-विवाह आदि कुपोषण के कारण हैं। छोटा परिवार,स्वस्थ वातावरण,नियमित भोजन,टीकाकरण,पर्याप्त विश्राम,सही उम्र में विवाह आदि के द्वारा कुपोषण से बचा जा सकता है। शिविर में शीतल,शिखा शर्मा, अंजलि चौहान, आरती, प्रियंका, निधि शर्मा, सोनिया ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम अधिकारी डॉ जय किशोर शर्मा ने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि शरीर को लम्बी अवधि तक संतुलित आहार न मिलना ही कुपोषण है। इसके कारण बच्चों व महिलाओं में रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती हैऔर अनेक बीमारियाँ पनप जाती हैं।अत: इस रोग से बचाव ही सबसे बड़ा उपचार है। सूक्ष्म जलपान के साथ शिविर का समापन हुआ। शिविर में ऋतु,चाहत,चंचल,फराह,आदि स्वयं सेविकाओं , कार्यालय प्रभारी कुलदीप भारद्वाज, परिचर विशन व रेखा का विशेष योगदान रहा।
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