जहांगीरपुर: (भारत पुष्प/कृष्णा वत्स/मनोज सिंह) साधन सहकारी समिति के पास आयोजित भागवत कथा में वृंदावन से पधारे पूज्य संत श्री विष्णु दास जी महाराज ने कथा में बताया कि राम कथा के श्रवण से व्यक्ति को जीने का तरीका पता चलता है। पिता से, माता से, भाई से, पत्नी से, सेवक से, प्रजा से कैसा व्यवहार करना चाहिए यह हमें मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम के जीवन गाथा से सीखनी चाहिए। महाराज परीक्षित की मृत्यु 7 दिनों में होने वाली थी जब उन्हें यह पता चला तो वह तुरंत अपना साम्राज्य छोड़कर गंगा के तट पर पहुंचे और मृत्यु को सुन्दर बनाने का उपाय ढूंढने लगे। भगवान शुकदेव जी ने श्रीमद्भागवत की कथा श्रवण कराकर उनके मृत्यु के भय का नाश कर दिया। वामन चरित्र, प्रह्लाद चरित्र, अजामिलोपख्यान, रामचरित्र कहते हुए नन्दलाला के जन्मोत्सव के साथ कथा चतुर्थ दिवस की कथा विराम हुई । श्रोतागण अत्यंत उत्साहित और प्रसन्न थे । इस अवसर पर मुकेश प्रताप सिंह,मास्टर दुर्गा प्रसाद महेश प्रधान कानपुर वाले धर्मेद्र, मुकेश, वीरेंद्र सिंह, मनोज शर्मा, किशन पाल सिंह, मनवीर सिंह, दिनेश सिंह आदि उपस्थित रहे।