जहांगीरपुर:- (भारत पुष्प/कृष्णा वत्स) आचार्य श्री अतुल कृष्ण जी महाराज ने भागवत माहात्म्य का वर्णन करते हुए कहा कि जब कोटि जन्मों का पुण्य उदय होता है तब जाकर हमें श्रीमद्भागवत कथा सुनने को मिलती है। कथा के श्रवण मात्र से हमारे मेरु पर्वत के समान पापों का शमन हो जाता है। इसलिए जीवन में हमेशा धार्मिक कार्य करते रहना चाहिए। परोपकार की भावना हमारे जीवन को श्रेष्ठता प्रदान कर भगवान के निकट ले जाने का कार्य करती है। भक्ति, ज्ञान, वैराग्य की व्याख्या के अलावा गोकरण धुन्धकारी की कथा और शुकदेव जन्म आदि की कथा का वर्णन किया। कथा के मुख्य यजमान भारतभूषण रहे।