–श्रम विभाग ने 10 श्रमिकों को दिए योजनाओं के प्रमाण पत्र

अलीगढ। ।भारत पुष्प। उत्तर प्रदेश जर्नलिस्टस एसोसिएषन के तत्वावधान में श्रमिक सम्मेलन का आयोजन रविवार को राजकीय औद्योगिक एवं कृषि प्रदर्शनी परिसर स्थित कृष्णांजलि नाट्यशाला में किया गया। सम्मेलन का शुभारंभ मुख्य अतिथि एमएलसी डॉक्टर मानवेन्द्र प्रताप सिंह ने और विशिष्ट अतिथि महापौर प्रशांत सिंघल ने मां शारदे की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं उनके समक्ष दीप प्रज्जवलित कर किया। सम्मेलन की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश जर्नलिस्टस एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप शर्मा ने की और संचालन ट्रेड यूनियन महासंघ के अध्यक्ष डॉ॰ राकेश सक्सेना एवं प्रदीप चैहान ने किया। इस अवसर पर अटल विद्यालय की छात्राओं ने मां शारदे की वंदना की।

मुख्य अतिथि एमएलसी डॉक्टर मानवेंद्र प्रताप सिंह ने श्रमिकों का आवाहन किया के अगर भारत को विकसित देश बनाना है तो तन-मन से काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि चाहे जो मजबूरी हो मांग हमारी पूरी हो वाले नारे को छोड़कर अब नारा होना चाहिए कि देश के हित में करेंगे काम, काम के लेंगे पूरे दाम। अगर श्रमिकों की यह सोच होगी तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अखंड भारत का सपना पूरा होगा। विशिष्ट अतिथि महापौर प्रशांत सिंघल ने कहा के श्रमिक ही देश की प्रगति के वाहक हैं।  श्रमिकों की मेहनत और ताकत के बल पर हमारा देश विश्व में दिनों दिन तरक्की कर रहा है। किसी भी इंडस्ट्री के बेहतर संचालन में श्रमिकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। प्रधानमंत्री मोदी का सपना श्रमिकों के सहयोग से ही पूरा हो सकता है। मुख्य वक्ता भारतीय मजदूर संघ के प्रांतीय संगठन मंत्री शंकरलाल ने कहा कि इससे बड़ी विडंबना की बात और क्या हो सकती है कि न्यूनतम वेतन के लिए भी श्रमिकों को लड़ना पड़ रहा है। उद्योग श्रमिकों के शोषण का अड्डा बन गए हैं। सरकार ने कागजों में तो वेतन तय कर दिया है लेकिन आधा वेतन ही मिल रहा है और काम दोगुना लिया जा रहा है। श्रमिक संगठनो के कमजोर होने के कारण उद्योगपति और सरकारे अनुचित लाभ उठा रहे हैं। सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए उत्तर प्रदेश जर्नलिस्टस एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप शर्मा ने श्रमिकों को सलाह दी कि जब तक बच्चा रोता नहीं है तब तक मां भी दूध नहीं पिलाती है इसलिए श्रमिक और उनके संगठन संगठित होकर अपनी मांगों को लेकर आवाज उठाएं और सभी तथ्यों सहित अपनी मांगों को मंनवाने के लिए जागरूक हांे। क्योंकि सभी जिम्मेदारी श्रम विभाग की नहीं होती बल्कि श्रमिकों का भी कर्तव्य बनता है कि वह अपने व्यक्तिगत स्वार्थ छोड़कर एकजुट हों। और संघर्ष करने के लिए आगे आएं। वह स्वयं श्रमिकों के साथ कन्धे से कंधा मिलाकर कार्य करने को तत्पर हैं। भारतीय मजदूर संघ के जिला अध्यक्ष सतीश बाबू जादौन ने मांग की कि अगर सरकार सच्चे मायनों में श्रमिकों को योजनाओं का लाभ देना चाहती है तो श्रम न्यायालय की स्थापना आगरा के बजाय अलीगढ़ में की जाए।  उन्होंने श्रमिकों की खस्ता हालत पर कहा कि अगर श्रमिक आवाज उठाता है तो उसको नौकरी से निकाल दिया जाता है। अथवा मुकदमा लड़ने को इतना मजबूर कर दिया जाता है कि वह थक हारकर घर बैठ जाता है। श्रमिकों को अपने हितों की जानकारी नहीं है इसीलिए वह योजना का लाभ नहीं ले पाते हैं। आईएएल के अध्यक्ष चंद्रशेखर दीक्षित एडवोकेट ने कहा कि सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाओं  का लाभ वास्तविक लोगों तक नहीं पहुंच पा रहा है इसलिए जिम्मेदार व्यक्तियों के विरुद्ध सरकार को जागरूक होना चाहिए। मजदूरों के बच्चों की शिक्षा का स्तर सुधारा जाए और श्रमिक संगठनो का विखंडन रोका जाए। भारतीय मजदूर संघ के विभाग प्रमुख अजय अग्रवाल ने कहा कि अगर श्रमिक हड़ताल करते हैं तो उन्हें सस्पेंड कर दिया जाता है, ट्रांसफर कर दिया जाता है और थ्प्त् भी करा दी जाती है। यही कारण है कि श्रमिक अपना मुंह बंद करने पर मजबूर हो जाता है। श्रम विभाग को चाहिए कि वह श्रमिकों की समस्याओं का समाधान करने के लिए आगे आए। सम्मेलन में सहायक श्रम आयुक्त शेर सिंह ने सरकार की ओर से श्रमिकों के लिए चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी और कहा कि अगर न्यूनतम वेतन नहीं मिल रहा है तो श्रमिक श्रम विभाग के कार्यालय में आकर केस दर्ज करवा सकते हैं।  उन्हें वेतन के साथ-साथ पेनल्टी का भी भुगतान कराया जाएगा। पूरा मुआवजा लेने के लिए फैक्ट्री में दुर्घटना होने पर तत्काल थ्प्त् कराएं। उन्होंने इस अवसर पर सरकार की ओर से चलाई जा रही कन्या विवाह योजना तथा मातृत्व लाभ योजना के अंतर्गत 10 श्रमिकों को सहायता राशि के प्रमाण पत्र प्रदान किए। इस अवसर पर  देव मिश्रा, विनोद शर्मा, चंद्रभान शर्मा, शिक्षाविद गिर्राज किशोर, डॉ जावेद, बैंक ऑफिसर्स संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष सूर्यकांत सेंगर, भारतीय मजदूर संघ के जिला मंत्री सुशील शर्मा आदि ने विचार व्यक्त किए। सम्मेलन में रवि कुमार सिंह, जगदीश प्रसाद शर्मा, रोहित सारस्वत, प्रेमपाल सिंह, उमेश शर्मा, संगम सिंह, विशंभर सिंह, अशोक, धर्मेंद्र बघेल, हरेंद्र पाल छाया मिश्रा आदि ने सहयोग किया।

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