आसरा इस जहां में मिले, ना मिले।

मुझे तेरा सहारा सदा चाहिए।।

खुर्जा। ।भारत पुष्प। गुरूवार को श्री गोपाल संकीर्तन मंडल के 38वें वार्षिकोत्सव के अवसर पर आयोजित भक्ति, ज्ञान, यज्ञ में दिव्य भक्तमाल कथा श्रवण करते हुए परम पूज्य आचार्य दीपक भाई जोशी हरिद्वार के श्री मुख से अपनी अमृतमयी वाणी में प्रथम दिवस भक्ति की चर्चा करते हुए कहा -भक्ति का मतलब है भगवान को चाहना, भक्तमाल भक्तों के भीतर के स्वरूप को जानना है। भगवान को समष्टि रूप में भक्त ही चाहता है। भक्त भगवान से कोई चीज नहीं मांगता, वह तो भगवान के चरणों में हमेशा उनका स्मरण मांगता है। भक्तमाल ही भगवान के दर्शन और उनकी कृपा का साधन है। भक्ति में प्रवेश के लिए तीन बातें आवश्यक हैं, महाराज श्री ने कहा भगवान भक्त को कितना अच्छा लगता है, भगवान को कितना अपना मानते हैं, हम भगवान से  कितनी आशा रखते हैं ।वास्तव में ईश्वर के अलावा हमें किसी से आशा नहीं रखनी चाहिए। भगवान की भक्ति, भक्तमाल के चरित्र से हमें प्राप्त होती है, जो हमें जीवन में कल्याणकारी और मोक्षदायनी है। भक्तमाल भक्तों के चरित्र की कथा है, जिसके श्रवण मात्र से हमारे जीवन के अनेकों कष्टों का नाश होता है और हम परमात्मा की दिव्य कृपा को प्राप्त करते हैं । मंडल के सचिव रमेश कुमार बंसल ने बताया कि भक्ति ज्ञान यज्ञ की यह अमृत धारा 19 दिसंबर से 21 दिसंबर 2024 तक अपराहन 3:00 बजे से 6:00 बजे तक चलेगी, 22 दिसंबर दिन रविवार को विराट संकीर्तन सम्मेलन का आयोजन होगा । इस भक्ति की ज्ञान गंगा में गोता लगाकर भक्त पुण्य लाभ प्राप्त करें। भगवान की भक्ति और उनकी कथा श्रवण करने का सौभाग्य विरले  भक्तों को ही प्राप्त होता है । मीडिया प्रभारी जयभगवान शर्मा ने बताया कि आज की कथा में नगर के सैकडों स्त्री- पुरुष भक्तों ने प्रभु की दिव्य कथा को श्रवण कर पुण्य लाभ प्राप्त किया। कार्यक्रम में मंडल के समर्पित कार्यकर्ताओं में अरुण बंसल, अवनेश बंसल, केके बंसल, रजत अग्रवाल, जय भगवान अग्रवाल, अजय कौशल, डॉ आर सी वर्मा, जगदीश चंद्र, संजीव अग्रवाल, कौशल शर्मा, राजेश पचौरी, अशोक सिंह, राम भरोसे लाल सिंघल, हरेंद्र शर्मा, विपिन अग्रवाल, मनीष तायल आदि ने सेवा कर सहयोग प्रदान किया।

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