बुरा जो देखन में चला, बुरा न मिलया कोय। जब दिल खोजा आपना , मुझ से बुरा न कोय।।
खुर्जा। ।भारत पुष्प। शुक्रवार को गोपाल संकीर्तन मंडल मधुबन पीली कोठी स्थित स्वामी देवानंद सत्संग भवन पर भागवत कथा के दूसरे दिन की अमृत वर्षा करते हुए परम पूज्य आचार्य दीपक भाई जोशी के श्रीमुख से भगवत भक्ति की अमृत वर्षा करते हुए भगवान के भक्त बिल्व मंगल के चरित्र की कथा सुनाते हुए परम पूज्य महाराज जी ने कहा आधे अधूरे भाव से भगवान की कृपा प्राप्त नहीं होती है। भगवान कभी-कभी अपने भक्तों की परीक्षा भी लेते हैं।
भगवान के सच्चे भक्त उसमें कभी विचलित नहीं होते। भगवान ने अपने भक्त बिल्व मंगल की भी परीक्षा ली। महाराज श्री ने कहा आंतरिक शोध का परिचय मनुष्य की चित्त शुद्धि करता है। जब स्वयं को अपनी कमी दिखाई देने लग जाए, तो समझ लो कि अब हम अच्छाई की ओर अर्थात प्रभु की भक्ति की ओर बढ़ रहे हैं। जिसने अपने भीतर के स्वरूप को बदल लिया, तो समझ लो भगवान की भक्ति और जीवन जीने की कला प्राप्त होने लगी है। भगवान की भक्ति , ऐसे भक्त को अच्छी लगने लगेगी। क्या करना है, क्या नहीं करना है, क्या पथ्य है, क्या अपथ्य है, कहां जाना है, कहां नहीं जाना है आदि का ज्ञान होना आवश्यक है। स्वामी जी महाराज ने कहा कि इस संसार में जब चित्त शुद्ध हो जाता है, तो उसे संसार में कोई बुरा दिखाई नहीं देता और दूसरों के दोष देखने की प्रवृत्ति भी समाप्त हो जाती है। चित्त की शुद्धि मनुष्य को सत्संगति से प्राप्त होती है। कार्यक्रम में मंडल के अध्यक्ष दिनेश प्रदीप, संरक्षक ठाकुर दुष्यंत सिंह, मंडल सचिव रमेश कुमार बंसल आदि भक्तों ने महाराज श्री का माल्यार्पण किया। कार्यक्रम में मंडल के सचिव रमेश बंसल ने बताया कि सत्संग पंडाल में स्त्री और पुरुषों की बैठने की समुचित व्यवस्था की गई है प्रभु की कथा श्रवण कर पुण्य लाभ प्राप्त करें। प्रभु की कथा व्यवस्था में मंडल के विनय वर्मा, विमल वर्मा ,अवनीश बंसल, अरुण बंसल, हरेंद्र शर्मा, कौशल शर्मा ,राजेश पचौरी, अशोक सिंह, अजयकौशल , डॉक्टर आरसी वर्मा, राजकुमार अग्रवाल, अरुण बंसल, वासु, रजत अग्रवाल, शिवम कुशवाहा, मनीष तायल अवनेश बंसल, दक्ष, संजीव अग्रवाल आदि ने बड़े ही प्रेम भाव से सेवा कर सहयोग किया।