खुर्जा (भारत पुष्प) श्री गोपाल संकीर्तन मंडल के 38वें वार्षिक उत्सव के अवसर पर चल रहे भक्ति ज्ञान यज्ञ के तीसरे दिन भक्त माल कथा श्रवण कराते हुए परम पूज्य दीपक भाई जोशी ने अपनी अमृतमयी वाणी में भक्त रसखान के चरित्र की कथा श्रवण कराते हुए कहा कि भगवान भक्त के वश में होते हैं। रसखान भगवान के अनन्य भक्त थे। उनके प्रेम की पराकाष्ठा ने ही उन्हें भगवान के दर्शन कराये। प्रेम में कष्ट की अनुभूति नहीं होती। भगवान के भक्त तो, भगवान से कष्टों को मांगते हैं। जिससे कि उन्हें भगवान का सदैव स्मरण बना रहे। जीवन में कर्म की संरचना को समझो, आपके सत कर्मों से ही जीवन सुधरेगा। जीवन को हमें स्वीकार भाव से जीना चाहिए। कर्म का फल ही हमें मिलता है ,इसलिए अपने कर्म और व्यवहार को सुधार कर ही हम अपने जीवन को सुखमय बना सकते हैं। हम अपने घर को ही प्रेम और अपने आचरण से वृंदावन बनाएं। जीवन में अनेक समस्याएं भी आती हैं, लेकिन संवाद से ही समस्या का समाधान निकलता है। शास्त्र , संवाद का ही परिणाम है। प्रेम के मार्ग से ही ईश्वर और ईश्वर की भक्ति और उनकी कृपा मिलती। मीडिया प्रभारी जय भगवान शर्मा ने बताया मंडल की वार्षिक पत्रिका सारिका का विमोचन व्यास पीठ पर विराजमान आचार्य दीपक भाई जोशी जी के कर कमलों द्वारा किया गया। स्मारिका लोगों को आध्यात्मिक जीवन और सत कर्म के लिए प्रेरित करेगी। कार्यक्रम में समर्पित भाव से कार्यक्रम के संयोजक चतरवीर सिंह, जयप्रकाश अग्रवाल, विमल वर्मा, केके बंसल, सोम कुमार शर्मा ,राजेश पचौरी, अजय कौशल ,डॉक्टर आरसी वर्मा , रजत अग्रवाल ,अरुण बंसल, अवनेश बंसल, सौरभ बंसल , अजीत तोमर ,संदीप बंसल, नई दिल्ली, मनीष सैनी, अशोक सिंह, कौशल शर्मा, राम प्रकाश अग्रवाल, हरेंद्र शर्मा, प्रेम कुमार शर्मा, नीरज अग्रवाल, वासु ,प्रेम प्रकाश अरोरा, आदि ने सहयोग किया।

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